केरल में पालतू बिल्लियों का खाना लाने के लिए बाहर जाने की अनुमति मिली, मालिक की दलील थी- मैं शाकाहारी, लेकिन बिल्लियां मांसाहारी

कोच्चि. लॉकडाउन के बीच केरल में स्थानीय पुलिस ने एक शख्स को बिल्ली का खाना लाने के लिए पास नहीं दिया तो वह नाराज होकर हाईकोर्ट पहुंच गया। याचिकाकर्ता एन प्रकाश तीन बिल्लियों का मालिक है। उनका कहना है, बिल्लियां 'मेओ-फ़ारसी' नाम का बिस्किट ही खाती हैं। स्टॉक खत्म होने के बाद बिस्किट लाने के लिए पुलिस से अनुमति मांगी लेकिन नहीं मिली तो मजबूर होकर कोर्ट में याचिका लगाई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान हुई सुनवाई में केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को याचिकाकर्ता को लॉकडाउन के बीच भोजन खरीदने की अनुमति दे दी।


याचिकाकर्ता शाकाहारी, बिल्लियां मांसाहारी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान जस्टिस एके जयसकरण नॉम्बियार और शाजी पी चैली की पीठ ने सुनवाई की। जज ने याचिकाकर्ता से पूछा, क्या बिल्लियां दूसरा खाना नहीं खाएंगी। इस पर याचिकाकर्ता ने जवाब दिया, बिल्लियां 'मेओ-फ़ारसी' नाम का बिस्किट ही खाती हैं। बिस्किट में मांस के टुकड़े होते हैं। मैं शाकाहारी हूं, मेरे घर में मांस नहीं पकता। 7 किलो बिस्किट का पैकेट तीन सप्ताह तक बिल्लियों के लिए पर्याप्त है। 4 अप्रैल को कोच्चि पेट्स हॉस्पिटल से इसे लाने के लिए वाहन पास की अनुमति मांगी थी लेकिन नहीं मिली।









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On the plea of a cat owner, the Kerala High Court asked state government to allow the petitioner to travel to purchase "Meo-Persian biscuits for his 3 cats." The petitioner had alleged that he was denied a vehicle pass to travel for the same.





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जज को मुख्यमंत्री की अपील भी दिखाई
याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान, मुख्यमंत्री की वो अपील भी दिखाई जिसमें सीएम पिनराई विजयन लॉकडाउन के दौरान लोगों से आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की गुजारिश कर रहे हैं। याचिका की सुनवाई करते हुए जज ने कहा, 'पशु भोजन और चारा' जरूरी वस्तुओं के दायरे में आते हैं। अनुमति दी गई कि याचिकाकर्ता न्यायालय के आदेश के साथ, पालतू जानवर का भोजन लेने जा सकेगा।